नई दिल्ली 11 मई।उच्चतम न्यायालय ने बिहार में लगभग 4 लाख अनुबंधित शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने से इनकार कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि अनुबंधित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन पाने के हकदार हैं।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नियोजित शिक्षक नियमित शिक्षक नहीं हैं। इसलिए ये नियमित शिक्षकों की तरह वेतन के हकदार नहीं हैं। इनकी नियुक्ति भी अलग नियमावली के तहत हुई है।
उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अटॉर्नी जनरल वी. वेणुगोपाल ने तर्क दिया था कि नियमित शिक्षकों का वेतनमान देने से एक लाख 36 हज़ार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ केन्द्र सरकार को वहन करना संभव नहीं है। दूसरी ओर राज्य सरकार के वकील ने भी यह कहा था कि सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह तीन लाख 57 हज़ार नियमित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों के बराबर वेतन दे सके।