रायपुर 23 नवम्बर।छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने राज्य में पंचायत चुनावों में शैक्षणिक योग्यता को हटाकर साक्षर होने वाले व्यक्ति को ही चुनाव लड़ने योग्य करार देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में पंचायती राज अधिनियम के साथ ही छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय की धाराओं में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। इन्हें विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में निःशक्त व्यक्ति के निर्वाचित नहीं होने की स्थिति में संबंधित पंचायतों में उनके नामांकन का प्रावधान नहीं है।साथ ही पंचायतों में पदाधिकारियों के निर्वाचन में शैक्षणिक योग्यता के संबंध में पंच पद के लिए पांचवीं और पंच के ऊपर के पदधारी के लिए आठवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इन प्रावधानों को संशोधन किए जाने की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अब जिन पंचायतों में निर्वाचन के पश्चात् निःशक्त व्यक्ति का प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में वहां निःशक्त व्यक्ति को नामांकित करने के संबंध में तथा त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में केवल साक्षर होने पर ही, निर्वाचन हेतु पात्रता के संबंध में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धाराओं में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्री परिषद के बैठक में अनुमोदित किया गया।
इसके साथ ही मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में दो नये विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया, इनमें महात्मा गांधी के नाम पर उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय और रायगढ़ में स्व.नंद कुमार पटेल के नाम पर नये विश्वविद्यालय प्रारंभ करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।बैठक में इसके साथ ही विधानसभा सत्र. में प्रस्तुत किए जाने वाले अन्य विधेयकों के संशोधन प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।