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समाज से भटके हुए लोग मुख्यधारा में लौटें-राज्यपाल

कांकेर 21 फरवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने नक्सलवाद के रास्ते पर गए युवकों से फिर से मुख्य धारा में लौटने की अपील की है।

सुश्री उइके ने टेमरूपानी में आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के वार्षिक सेसा पण्डुम कार्यक्रम में आज यह अपील करते हुए कहा कि..हमारे समाज के कुछ साथी भटक गए हैं, वे समाज की मुख्यधारा में लौटें।शासकीय योजनाओं का लाभ लें तथा आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के प्रमुख, समाज को जागरूक करें, संगठित करें और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगारमूलक योजनाओं से जोड़ें, साथ ही समाज को बांटने वाले तत्वों से सचेत रहें।

उन्होने कहा कि जनजातीय समाज हमेशा प्रकृति के साथ रहता है और कभी दुखी नही रहता। हम देव पोड़द-गुमा (सूर्य देव) से प्रार्थना करते हैं कि हम सबको सुख-समृद्धि प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी सदैव सम्मान से जीता है, वह किसी गलत कामों में न लिप्त रहता है न ही भिक्षा मांगने के लिए किसी के समक्ष हाथ फैलाता है।जीवन भर मान सम्मान से जीवन यापन करता है। राज्यपाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति धर्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, बल्कि अपने कर्मों से बड़ा होता है।

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति बड़ी महान है। प्रकृति के प्रति आदिवासी समाज में अपार श्रद्धा होती है और इस श्रद्धा में   प्रकृति संरक्षण का भाव होता है। हमारे आदिवासी संस्कृति में सामुदायिकता और प्रेम सद्भाव की भावना रहती है। इस पर्व पर आदिवासी समाज द्वारा सूर्य देव से अन्न भंडारण तथा उसकी सुरक्षा की अनुमति मांगी जाती है। यह कितनी महान परंपरा है कि प्रकृति से प्राप्त हुए उनके उत्पाद को उपयोग करने के लिए उनसे आज्ञा ली जा रही है। इससे यह सिद्ध होता है कि आदिवासी समाज में प्रकृति के प्रति कितनी आस्था है।