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मिर्जापुर के चुनार-सोनभद्र के चोपन के बीच दौड़ी यूपी की सबसे लंबी मालगाड़ी

मिर्जापुर के चुनार और सोनभद्र के चोपन के बीच रेलवे ने सबसे लंबी मालगाड़ी दौड़ाकर यूपी के खाते में भी नया कीर्तिमान जोड़ दिया है। दोनों स्टेशनों के बीच सात इंजनों और 238 डिब्बों वाली 2.7 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी दौड़ाई गई। आमतौर पर मालगाड़ी के एक रेक में अधिकतम 60 तक डिब्बे होते हैं। यूपी में पहली बार 238 वैगन की ट्रेन चलाई गई। इस ट्रेन को ‘पिनाका’ नाम दिया गया। इसमें मुख्य इंजन के रूप में मल्टी यूनिट लोको को जोड़ा गया। ट्रेन में कुल सात इंजन लगाए गए। चुनार से चोपन के बीच दौड़ी 2.7 किमी लंबी पिनाक चुनार-चोपन रेल मार्ग पर पिनाका मालगाड़ी का परीक्षण सफल रहा। चार मालगाड़ियों को जोड़ कर सात इंजन और 238 डिब्बों वाली 2.7 किमी लंबी मालगाड़ी तैयार की गई थी। पहली बार चुनार से यह मालगाड़ी शनिवार की शाम 18.20 पर चोपन के लिए रवाना की गई । रात में 11.00 बजे चोपन पहुंच गई। एक साथ चार मालगाड़ियों पर परिचालन चुनार से चोपन के बीच की 130 किमी दूरी को 4.40 घंटे में तय करने में सफल रही। इस मालगाड़ी की अधिकतम सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार तय की गई है। रेलवे प्रशासन माल ढुलाई को गति देने के लिए एक साथ चार मालगाड़ियों का परिचालन करने में सफल हो गया है। इसी सिलसिले में शनिवार की शाम 6.20 बजे चुनार से चोपन के बीच उत्तर मध्य रेलवे में पहली बार पिनाक मालगाड़ी का परिचालन किया गया। एक मालगाड़ी में अभी 60 तक बोगियां  अभी तक 59 या 60 बोगी की एक मालगाड़ी से 5200 मीट्रिक टन कोयले की ढुलाई एक बार में होती थी। पिनाक मालगाड़ी का परिचालन शुरु कर दिए जाने पर बिजली घरों को एक साथ 20 हजार 800 मीट्रिक टन कोयला पहुंच जाएगा। रेलवे के सेंट्रल-मध्य जोन के बाद उत्तर मध्य रेलवे में सर्वाधिक मालगाड़ियों का परिचालन किया जाता है। कोयले की आपूर्ति राजस्थान व अन्य प्रांतों को होता है। बिजली उत्पादन केंद्र इस रूट पर है। चुनार, सक्तेशगढ़, लूसा, खैराही, राबर्टसगंज, चुर्क, अगोरी, चोपन, रेनूकूट होते हुए विण्ढमगंज से झारखण्ड में प्रवेश कर जाएगी। इससे अब कोयला पहुंचाने में मदद मिलेगी। चुनार जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक आरके पाण्डेय ने बताया कि चार मालगाड़ियों को जोड़ कर सात इंजन और 238 बोगी की 2.7 किमी लंबी मालगाड़ी तैयार की गई थी। चार खाली बॉक्सएन रैक को एक साथ जोड़कर चलाया गया। शेषनाग और वासुकि भी दौड़ी थीं  कोरोना काल में रेलवे द्वारा सामानों की आवाजाही के लिए मालगाड़ियों में बैगन बढ़ाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ था। दो जुलाई 2020 को भारत की सबसे लंबी ट्रेन ‘शेषनाग’ को महाराष्ट्र में चलाया गया। उस ट्रेन की लंबाई 2.8 किलोमीटर थी। इसके बाद जनवरी 2021 में 295 वैगन वाली ‘वासुकि’ ट्रेन चलाई गई। जो अब