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सबको इंतजार था दहाड़ का… पर ये तो निकला बिल्ली मौसी के परिवार का: अखिलेश यादव 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों पर मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर इसे पारिस्थितिकी तंत्र व जैव विविधता के लिए शुभ बताया है तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर कर चीते की आवाज पर तंज कसा।
चीते की आवाज बहुत हद तक बिल्ली से मिलती है। इसी को लेकर अखिलेश ने कहा कि सबको इंतजार था दहाड़ का… पर ये तो निकला बिल्ली मौसी के परिवार का। इस ट्वीट के बाद अखिलेश भाजपा के निशाने पर आ गए। भाजपा नेताओं ने अखिलेश पर पलटवार किया। पार्टी के सह मीडिया संपर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव ने ट्वीट किया कि …या तो अखिलेश यादव को प्रदेश की जनता ने जो करारी शिकस्त दी है उससे उन्हें बुद्धि भ्रम है या आस्ट्रेलिया में डोनेशन से पढ़ने वाले नहीं जानते कि चीता दहाड़ता नहीं गुर्राता है। बता दें क‍ि पीएम नरेन्‍द्र मोदी के जन्‍मद‍िन के मौके पर नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान से ग्वालियर लाया गया। इसके बाद इन्हें चिनूक हेलीकॉप्टर से कीनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया। भारत में करीब 70 साल से चीता विलुप्त प्रजात‍ि है। दुनिया में 7,100 चीतों का अनुमान है। एक स्वस्थ चीता 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया था। देश में 12,852 तेंदुए हैं जो बिग कैट फैमिली की प्रजातियों में सबसे ज्यादा हैं। देश में चीतों को फिर से बसाने के लिए 1972 में पहला वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम बनाया गया था। 1985 में, भारत के वन्यजीवों द्वारा ईरान से चीतों को लाने की कवायद की गई, लेकिन यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई। चीता परियोजना को 2008 में पुर्नोत्थान किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी