Kanpur Ghatampur Accident : साढ़ थानाक्षेत्र में शनिवार रात करीब आठ बजे तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित होकर पानी से भरी खंती में पलटने से 26 लोगों की मौत हो गई और बाकी घायल हुए। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन 26 मौतों का दोषी आखिर कौन है। लचर व्यवस्था या फिर मुंडन संस्कार होने वाले बच्चे का पिता राजू, जो शराब पीकर ट्रैक्टर चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हादसे के काफी देर बाद पुलिस पहुंची और एक एंबुलेंस आने में एक घंटा हो गया। वहीं सीएचसी में ऑक्सीजन न मिलने से भी कई बच्चों ने दम तोड़ दिया।
बेटे का मुंडन संस्कार कराने गया था राजू
साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव में रहने वाला राजू निषाद अपने एक वर्षीय बेटे मुंडन संस्कार कराने के लिए शनिवार को गांव के प्रहलाद निषाद की ट्रैक्टर ट्राली लेकर फतेहपुर होते हुए उन्नाव में बक्सर स्थित चंडिका देवी मंदिर गए थे। उनके साथ रिश्तेदार और गांव के लोग भी थे। देर रात ट्रैक्टर-ट्राली सवार लोग बच्चे का मुंडन कराने के बाद लौट रहे थे।
राजू ने पी रखी थी शराब
ग्रामीणों के मुताबिक लौटते समय राजू व कुछ लोगों ने शराब पी थी। साढ़ के पास राजू ने ट्रैक्टर की रफ्तार तेज कर दी। जैसे ही ट्रैक्टर-ट्राली साढ़ व घाटमपुर के बीच रास्ते में हरदेव बाबा मंदिर के पास पहुंची, तभी पीछे से आ रहे ट्रक को साइड देने में राजू नियंत्रण खो बैठा और ट्रैक्टर-ट्राली सड़क किनारे खंती में पलट गई।
चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों ने ट्राली के नीचे दबे लोगों को निकालना शुरू किया। घाटमपुर सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंचा। सीएचसी घाटमपुर में डाक्टरों ने 24 को मृत घोषित कर दिया। कुछ घायलों को एलएलआर अस्पताल भेजा, जहां दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। 2
सड़क किनारे हो गई थी मिट्टी कटान से खंती
वहीं मौके पर कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था जिस जगह हादसा हुआ, वहां सड़क किनारे खंती में मिट्टी कटान हो गई थी। यहां पर भराव नहीं कराया गया और बारिश के बाद उसमें पानी भरने से कटान सड़क तक पहुंच गई। रात में सामने से आई कार की हेड लाइट से चालक की आंखें चौंधिया गई और ट्रैक्टर का पहिया सड़क से उतरते ही खंती में जाते ही पूरी ट्राली समेत पलट गया।
एक घंटे बाद आई एंबुलेंस और सीएचसी में नहीं मिली ऑक्सीजन
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया और कुछ देर बाद पुलिस आ गई लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। करीब एक घंटे बाद एक एंबुलेंस आई तो घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया गया। लोगों ने अपनी बाइक से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इसके कुछ देर बाद जब अफसर आए तब एंबुलेंस आना शुरू हुईं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। सीएचसी में भी ऑक्सीजन नहीं मिली तो सभी घायलों को एलएलआर अस्पताल भेजा जाने लगा। ऑक्सीजन न मिलने से भी बच्चों की मौत होने की बात कही