- कानपुर से लखनऊ के बीच वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 110 ट्रेनें चल रहीं हैं। इनमें दैनिक व साप्ताहिक ट्रेनों में लखनऊ जाने वाले और वहां से आने वालों की संख्या सबसे अधिक है।
- कुछ समय पहले मेरठ-दिल्ली की तर्ज पर लगभग 68 किलोमीटर की दूरी में उन्नाव होकर रैपिड रेल की फिजिबिलिटी तलाशी गई थी, लेकिन इसे शासन ने खारिज कर दिया था।
- अब वंदे भारत मेट्रो उसकी जगह लेगी। इससे अभी की यात्री क्षमता भी बढ़ जाएगी। वंदे भारत मेट्रो के टिकटों में दलालों का कोई असर नहीं रहेगा। इसके साथ ही सुरक्षित यात्रा मिलेगी।
- यात्रियों को हर समय ट्रेन उपलब्ध होगी, जिससे आवाजाही आसान होगी। उन्हें कानपुर मेट्रो से वंदे भारत के माध्यम से लखनऊ पहुंचने में समय भी कम लगेगा। 30 से 45 मिनट में ही सफर पूरा हो जाएगा। इसके बाद लखनऊ मेट्रो वहां स्थानीय सफर सुगम बनाएगी।
लखनऊ और कानपुर के बीच मेमू की जगह वंदे भारत मेट्रो का संचालन करेगा रेलवे..
लखनऊ की दूरी कम समय में ही तय कराने वाली वंदे भारत मेट्रो डेढ़ लाख यात्रियों को सुगम सफर और रफ्तार देगी। अभी तक प्रतिदिन आवाजाही करने वाले यात्रियों को होने वाली समस्याएं खत्म होंगी। मेमू की जगह इस ट्रेन के संचालन से सहूलियतें मिलेंगी। निकट भविष्य में गंगा बैराज तक मेट्रो जुड़ने से और बेहतरी आएगी। बजट में तमाम पुलों के निर्माण के साथ ही नई रेल लाइनों और दोहरीकरण की भी व्यवस्था की गई है।