तुर्री गांव के निवासी विकास कुमार साय ने बताया कि तुर्री में घनघोर जंगल और पहाड़ियों से घिरे इसी स्थल पर मुख्यमंत्री साय के पूर्वजों के दो भाईयों भगत साय और दवेल साय में से स्व. भगत साय पर बाघ ने हमला किया था। जिससे वहीं पर भगत साय ने प्राण त्याग दिए थे।
जशपुर के तुर्री गांव पहुंचकर सीएम विष्णुदेव साय ने धर्मपत्नी के साथ कुल देवता के दर्शन किए। मुख्यमंत्री साय ने कुलदेवता की विधि विधान से पूजा की और प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
तुर्री गांव के निवासी विकास कुमार साय ने बताया कि तुर्री में घनघोर जंगल और पहाड़ियों से घिरे इसी स्थल पर मुख्यमंत्री साय के पूर्वजों के दो भाईयों भगत साय और दवेल साय में से स्व. भगत साय पर बाघ ने हमला किया था। जिससे वहीं पर भगत साय ने प्राण त्याग दिए थे। जहां उन्होंने प्राण त्यागे थे वहां उनका वास मानकर आस्था और विश्वास से पूजा अर्चना की जाती है।
मूल स्थान के बगल में बाघ में भगत साय को देव स्वरूप वास मानकर इस स्थान पर बाघ की मूर्ति स्थापित कर पूजा पाठ किया जाता है। दूसरे भाई दवेल साय के वंश वृद्धि के फलस्वरूप मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आते हैं। साय परिवार के अलावा अन्य ग्रामीण भी तुर्री के इस स्थान को आस्था और अध्यात्म का विशेष स्थान मानते हैं। यह जगह चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है। इस देव स्थल के विशेष महत्व के कारण यहां से गुजरने वाले लोग फूल, पत्ती आदि अर्पित करने बाद ही यहां से आगे बढ़ते हैं।
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