आरोप पत्र के अनुसार, मार्च 2023 में पटेल और उसके सहयोगी बलविंदर सिंह ने अमेरिका में नौ जनरल स्टोर, फास्ट फूड रेस्तरां और शराब की दुकानों पर लूटपाट का नाटक किया। दरअसल वे चाहते थे कि जिन जगहों पर लूटपाट हुई, उन स्टोर के क्लर्क ये दावा करें कि दोनों लूटपाट के पीड़ित है।
अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों पर वीजा पाने के लिए धोखाधड़ी करने के मामले में मुकदमा चलेगा। गौरतलब है कि दोनों ने लूटपाट का नाटक करके ये वीजा पाने की कोशिश की। हालांकि जांच में दोनों पकड़े गए। आरोपियों की पहचान रामभाई पटेल (36 वर्षीय) और बलविंदर सिंह (39 वर्षीय) के रूप में हुई है। दोनों पर मैसाचुसेट्स के बोस्टन में ये धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है।
डकैती से अमेरिकी नागरिकता पाने की रची साजिश
रामभाई पटेल को बीते साल दिसंबर में सिएटल से गिरफ्तार किया गया था। वहीं बलविंदर सिंह को क्वींस से दिसंबर में ही पकड़ा गया था। आरोप पत्र के अनुसार, मार्च 2023 में पटेल और उसके सहयोगी बलविंदर सिंह ने अमेरिका में नौ जनरल स्टोर, फास्ट फूड रेस्तरां और शराब की दुकानों पर लूटपाट का नाटक किया। दरअसल वे चाहते थे कि जिन जगहों पर लूटपाट हुई, उन स्टोर के क्लर्क ये दावा करें कि दोनों लूटपाट के पीड़ित है।
इस तरह वीजा पाने की रची साजिश
दोनों ने ये साजिश इसलिए रची क्योंकि अमेरिका में एक यू-वीजा (U non-immigration status) का प्रावधान है। इस वीजा के तहत उन लोगों को अमेरिका में चार साल तक या जरूरत पड़ने पर आगे और दिनों तक रुकने की इजाजत मिलती है, जो किसी हिंसक अपराध के पीड़ित होते हैं। दरअसल आपराधिक मामलों को सुलझाने में कानूनी एजेंसियों की मदद के लिए ये कानून लाया गया था, ताकि वे पीड़ितों से आराम से पूछताछ कर सकें। जांच में पता चला कि दोनों आरोपियों पटेल और सिंह ने लूटपाट के नाटक के लिए स्टोर के मालिकों और क्लर्कों को पैसे दिए थे। दोनों ने बाद में इन मामलों के आधार पर यू-वीजा के लिए आवेदन किया था। अगर दोनों दोषी पाए जाते हैं तो वीजा धोखाधड़ी के मामले में उन्हें पांच साल तक की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी हो सकता है।
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