रामलीला मैदान में जब विपक्षी नेताओं का मंच सजा तो पहली पंक्ति में बड़े नेताओं के साथ सुनीता नजर आईं। सोनिया गांधी के बगल की सीट पर बैठीं सुनीता ने अपनी धमक से लोगों को रूबरू कराया।
मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में दूसरी पंक्ति के नेताओं की कमी झेल रही आप को सुनीता केजरीवाल के रूप में नया खेवनहार मिल गया है। रामलीला मैदान में जब विपक्षी नेताओं का मंच सजा तो पहली पंक्ति में बड़े नेताओं के साथ सुनीता नजर आईं। सोनिया गांधी के बगल की सीट पर बैठीं सुनीता ने अपनी धमक से लोगों को रूबरू कराया।
पहली बार इतने बड़े मंच पर पहुंचीं सुनीता सधे हुए नेता की तरह राजनीति में एंट्री लेते हुए दिखीं। इससे राजनीतिक गलियारे में भी चर्चा तेज है कि केजरीवाल इस्तीफा दे देते हैं तो आप की कमान संभालने का सुनीता दम रखती हैं।
रैली में उनकी मौजूदगी के कई मायने है। माना जा रहा है कि पूर्व नौकरशाह रहीं सुनीता के नेतृत्व में आप लोकसभा चुनाव में उतरेगी। स्टार प्रचारक की भी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। इसके पूर्व भी वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर उनके संदेश पढ़कर अपनी धमक दिखा चुकी हैं।
विपक्ष के बड़े नेताओं ने भी जिस तरीके से सुनीता का उल्लेख किया और सोनिया गांधी से बातचीत हुई उससे भी उनका कद दिल्ली की राजनीति में काफी ऊंचा होता नजर आ रहा है। सुनीता ने मंच से पूरे देश के सामने छह गारंटी देकर मिसाल भी पेश की। मंच पर बतौर वक्ता तो दिख ही रहीं थीं। साथ ही, जनता से संवाद भी कर रहीं थीं। मसलन, ये भाजपा वाले कह रहे है कि केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए, आप बताए क्या उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए?
मंच पर दिखी नारी शक्ति
इंडी गठबंधन की रैली में नारी शक्ति का भी दमखम दिखा। भाजपा के खिलाफ विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन में 28 पार्टियों के नेता पहुंचे। सुनीता के साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, संजय सिंह की पत्नी अनिता सिंह, सत्येंद्र जैन की पत्नी किरण, सोनिया गांधी, वृंदा करात, महबूबा मुफ्ती, प्रियंका गांधी, अलका लांबा व आतिशी मौजूद रहीं।
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