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गौरेला पेंड्रा मरवाही में डायरिया का प्रकोप जारी

गौरेला पेंड्रा मरवाही में 1 जून के बाद से अब तक 130 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। जिले में इतने केस दर्ज होना भी चिंता की बात है। हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी की मौत की बात सामने नहीं आई है।

मानसून का मौसम शुरू होते ही बीमारियों का प्रकोप भी शुरू हो गया है। डायरिया की बात करें तो जिले में 1 जून के बाद से अब तक 130 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। इस छोटे जिले में इतने केस दर्ज होना भी चिंता की बात है। हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी की मौत की बात सामने नहीं आई है। विभाग लोगों को जागरूक करने और एहतियात बरतने की बात कह रहा है। हालांकि यह आंकड़ा सिर्फ शासकीय अस्पतालों का है, जबकि जिले में कई निजी अस्पताल के साथ निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर भी लगातार इलाज कर रहे हैं।

मौसम बदलते ही मौसमी बीमारियां का प्रकोप भी शुरू हो जाता है। खासकर बरसात के दिन इसके लिए काफी संवेदनशील होते हैं, जिसमें मलेरिया, टाइफाइड और डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में 15 जुलाई तक के आंकड़े चिंताजनक हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरेला में डायरिया के 26 मामले सामने आ चुके हैं। पेंड्रा में 32 जिला अस्पताल में 14 तो सबसे अधिक मरवाही में 57 मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह अब तक 129 मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। यह वे मामले हैं, जो अस्पताल तक पहुंचे हैं। जबकि बहुत से ऐसे मामले अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते हैं और स्थानीय दवाइयां से उपचार लेकर उन्हें ठीक कर लिया जाता है।

राहत की बात यह है की बीमारी अब तक महामारी का रूप नहीं ले पाई है और न ही किसी क्षेत्र विशेष से बड़ी संख्या में मरीज ही सामने आए हैं। लेकिन यह आंकड़े भी चिंताजनक हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस तरह की मौसमी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने स्वास्थ्य मितानिनों की मदद लेकर जागरूक करने की बात कह रहा है। वहीं, मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 10,000 से अधिक डायरिया के मामले दर्ज हो चुके हैं, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और सतत रूप से सभी मामलों को टेकल किया जा रहा है। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भी उन्होंने कहा कि हम सतत निगरानी के साथ व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। चूंकि स्वास्थ्य व्यवस्था एक ऐसी विभाग है, जिसमें निरंतर सतत रूप से नए टेक्नोलॉजी से गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं लोगो को कैसे मिलें इसका प्रयास है।