नई दिल्ली 27 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आस्था के नाम पर हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।आस्था के नाम पर किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
श्री मोदी ने आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर ने जो संविधान दिया है, उसमें हर व्यक्ति को न्याय दिलाने की पूरी व्यवस्था की गई है।उन्होने कहा कि..देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर दमन करने वाले किसी को भी चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी..।
उन्होने कहा कि हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा।कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषितों को सजा देकर रहेगा।भारत को बुद्ध, गांधी और सरदार पटेल का देश बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सदियों से सामुदायिक और अहिंसा के मूल्य अपने जीवन में अपनाये हैं और एक-दूसरे को सम्मान दिया है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि उन्हें छोटे कारोबारी और कड़ी मेहनत करने वालों का सम्मान और उनके श्रम का उचित भुगतान देना चाहिए।उन्होने कहा कि किसी गरीब से अपना नाता आ जाए तो मोलभाव किए बिना रहते नहीं है। गरीब के मन को क्या होता है, ये आपने कभी सोचा है उसके लिए सवाल दो रूपये, पांच रूपये का नहीं है, उसके हृदय को चोट पहुंचती है।आपने वो गरीब है, इसलिए उसकी ईमानदारी पर शक किया है। दो रूपया, पांच रूपया आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन आपकी यह छोटी सी आदत उसके मन को कितना गहरा धक्का लगाती होगी कभी सोचा है। मुझे विश्वास है कि मेरे देशवासी की किसी गरीब के साथ ऐसा व्यवहार करने की आदत होगी तो जरूर छोड़ देंगे।
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