डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में गंभीर रोगों का इलाज करवाने आ रहे मरीजों का इंतजार घटेगा। इंतजार के इस कतार को छोटा करने के लिए अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी विभागों में बिस्तरों की संख्या को दोगुना तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। कुछ विभागों में बिस्तरों की संख्या चार गुना तक बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आरएमएल अस्पताल में देशभर से गंभीर मरीज रेफर होकर आते हैं। मौजूदा समय में बिस्तर कम होने के कारण इलाज के लिए इन्हें तीन माह से एक साल तक का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में सुविधाओं को बढ़ाने के साथ नई तकनीक के इस्तेमाल के लिए अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। इस ब्लॉक में सभी सुपर स्पेशियलिटी विभागों को 40-40 बिस्तर देने पर विचार चल रहा है।
ऐसा होने पर दिल, दिमाग, गंभीर रूप से जले हुए, बच्चों की गंभीर सर्जरी, किडनी रोग और मधुमेह सहित दूसरे गंभीर रोगों के मरीजों के इलाज में तेजी आएगी। मौजूदा समय में अस्पताल के इन विभागों में 10 से 40 बेड की सुविधा है। ब्लॉक बनने के बाद कम बिस्तर वाले विभागों में बेड बढ़ जाएंगे। अस्पताल प्रशासन की मानें तो दिसंबर तक ब्लॉक को शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। इस ब्लॉक में करीब 600 बेड होंगे। इसमें 46 निजी वार्ड के बेड भी शामिल हैं।
रेडियोथेरेपी और न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग शुरू होंगे
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) बनने के बाद अस्पताल में रेडियोथेरेपी और न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग शुरू होंगे। इन विभागों को शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इन दोनों विभागों के लिए ब्लॉक में 40-40 बेड आवंटित किए गए हैं। रेडियोथेरेपी विभाग शुरू होने के बाद कैंसर के मरीजों का इलाज आसान होगा। यहां रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने या उनके विकास को रोकने के लिए किया जाएगा। मौजूदा समय में यह सुविधा लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और एम्स में उपलब्ध है। विभाग शुरू होने के बाद यह सुविधा आरएमएल में भी उपलब्ध हो जाएगी। वहीं न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में उन मरीजों का इलाज किया जाएगा, जिनके विभिन्न अंगों और प्रणालियों की बीमारियों का निदान और उपचार रेडियोधर्मी पदार्थों का उपयोग करके किया जाता है। मौजूदा समय में यह सुविधा एम्स में उपलब्ध है।
ऑन्कोलॉजी-ऑन्को सर्जरी विभाग भी शुरू करने की तैयारी
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) में कैंसर मरीजों के लिए ऑन्कोलॉजी और ऑन्को सर्जरी विभाग भी शुरू होंगे। इन विभागों को शुरू करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। मौजूदा स्थिति सकारात्मक है। उम्मीद की जा रही है कि इन दोनों विभागों के लिए भी एसएसएबी ब्लॉक में 40-40 बेड की व्यवस्था होगी। विभाग शुरू होने के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी कैंसर मरीजों का इलाज शुरू हो सकेगा। साथ ही जरूरत के आधार पर कैंसर मरीजों की सर्जरी भी हो सकेगी। मौजूदा समय में कैंसर मरीजों को सर्जरी के लिए एम्स, सफदरजंग सहित दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।