खगोलीय गतिविधियों में रुचि रखने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग एस्ट्रो टूरिज्म के लिए नये स्थान तलाश रहा है। इसके लिए पिथौरागढ़ के गूंजी और उत्तरकाशी जिले के जादूंग में एस्ट्रो टूरिस्ट में संभावनाएं देखी जा रही हैं।
वर्तमान में नैनीताल जिले के ताकुला व देवस्थानम और चमोली जिले के बेनीताल में एस्ट्रो विलेज विकसित किए गए। जहां पर देश-दुनिया से आने वाले पर्यटक एकांत वातावरण में आसमान में टिमटिमाते तारों के नजारे का आनंद ले रहे हैं।
उत्तराखंड में हर साल धार्मिक पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस देखते हुए प्रदेश सरकार पर्यटन की नई गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही राज्य की आर्थिकी बढ़ेगी। राज्य में सबसे अधिक तीर्थयात्री दूसरे राज्यों से चारधाम में आते हैं। लेकिन दर्शन करने के बाद वापस लौट जाते हैं। लेकिन एस्ट्रो टूरिज्म के लिए खगोलीय गतिविधियों व शहर की भागदौड़ से कुछ पल एकांत में बिताने के कुछ पर्यटक आते हैं। प्रदेश के सीमांत क्षेत्र गुंजी व जादूंग में एस्ट्रो विलेज बनाने की संभावना देखी जा रही है। इसके अलावा पर्यटन विभाग नक्षत्र सम्मेलन के माध्यम से एस्ट्रो टूरिज्म को प्रोत्साहित कर रहा है।
अक्तूबर में जागेश्वर में होगा नक्षत्र सम्मेलन
पर्यटन विभाग ने एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नक्षत्र सम्मेलन के लिए कैलेंडर जारी किया है। जिसमें पूरे साल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर नक्षत्र सम्मेलन कर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। 4 से 6 अक्तूबर को जागेश्वर और 8 से 10 नवंबर को बेनीताल में नक्षत्र सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
उत्तराखंड को एस्ट्रो टूरिज्म का डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। देश-दुनिया के पर्यटक खगोलीय गतिविधियों का नजारा देखने के लिए उत्तराखंड आए। इसके लिए एस्ट्रो टूरिज्म विलेज को बढ़ावा दिया जा रहा है। -सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India