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राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की तुलना में बहुत बड़ी बात बोल गए ऋषभ पंत

गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली है। श्रीलंका दौरे से उन्होंने अपना काम शुरू किया था। भारतीय टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने राहुल और गौतम गंभीर की तुलना की है और एक बड़ा अंतर बताया है। पंत ने कहा है कि कोच के तौर पर बैलेंस रहना जरूरी होता है।

गौतम गंभीर जब से टीम इंडिया के हेड कोच बने हैं तब से उनके और पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के बीच तुलना होती आ रही है। इसका कारण दोनों का रवैया है। द्रविड़ शांत स्वाभाव के इंसान हैं तो वहीं गंभीर आक्रामक तेवर वाले हैं। इसी कारण दोनों की तुलना की जाती है। भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत ने अब इस मामले में बड़ी बात कही है। उन्होंने दोनों के बीच बड़ा अंतर बताया है।

राहुल 2021 में टीम इंडिया के कोच बने थे। उनका कार्यकाल 2023 वनडे वर्ल्ड कप तक का था। हालांकि, बीसीसीआई ने टी20 वर्ल्ड कप-2024 को देखते हुए उनके कार्यकाल में इजाफा कर दिया। उनके कोच रहते भारत ने टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था।

‘गौती भाई काफी एग्रेसिव’
पंत ने जियो सिनेमा को दिए इंटरव्यू में द्रविड़ और गंभीर के बीच के अंतर को बताया है। गंभीर से जब पूछा गया कि गौतम गंभीर के रहते टीम में सबसे बड़ा बदलाव क्या हो सकता है और वह कैसे भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकते हैं?”

इसके जवाब में पंत ने कहा, “मुझे लगता है कि राहुल भाई काफी बैलेंस थे, एक इंसान के तौर पर भी एक कोच के तौर पर भी। ये अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है, क्योंकि क्रिकेट में पॉजिटिव हो सकते हैं। ये इंसान पर निर्भर करता है कि वह पॉजिटिव की तरफ ध्यान देना चाहता है या नेगेटिव की तरफ।”

पंत ने आगे कहा, “गौती भाई ज्यादा एग्रेसिव हैं। टीम को हर मैच जीतना है, वह इस बारे में एकतरफा हैं। लेकिन आपको सही बैलेंस खोजने और सुधार करने की जरूरत होती है। ये इंटरनेशनल क्रिकेट का बेस्ट पार्ट है।”

‘बांग्लादेश को हल्के में नहीं लेना’
भारत को सितंबर में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। पंत ने इस सीरीज को लेकर कहा है कि भारत, बांग्लादेश को हल्के में नहीं ले सकता। पंत ने कहा, “पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी एशियाई टीमें एशिया में अच्छा खेल दिखाती हैं क्योंकि उनको यहां के हालात का पता है। भारतीय क्रिकेट टीम के तौर पर हम सिर्फ अपने खेल के स्टैंडर्ड पर ध्यान देते हैं कि कैसे हम सुधार कर सकते हैं। चाहे सामने वाली टीम कोई भी हो, हम हर किसी के सामने एक ही इंटेनसिटी से खेलने की कोशिश करते हैं।”