राजधानी में लगातार बारिश होने के बीच निर्माण स्थल मच्छरों के प्रजनन का स्थल बन गए है। एमसीडी को करीब तीन सौ निर्माण स्थलों में से करीब डेढ़ सौ स्थलों पर मच्छरों का लार्वा मिला। इस कारण एमसीडी ने इन परिसरों को नोटिस देने के साथ-साथ चालान भी किए। उधर राजधानी में गत सप्ताह डेंगू के 131 मामले सामने आए। लिहाजा राजधानी में डेंगू के मामलों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। दरअसल इस वर्ष इससे पहले किसी भी सप्ताह में डेंगू के मामलों ने सौ का आंकड़ा पार नहीं किया था।
एमसीडी के अनुसार, निर्माण स्थल मच्छरों के प्रजनन के आदर्श स्थल बन चुके हैं। यह पस्थितियां गंभीर जनस्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। यहां पर अक्सर पानी का जमाव, कचरा और अस्थायी सामग्री की अव्यवस्थित ढेरियां मच्छरों को प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं। ये मच्छर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों का प्रसार करते हैं, जिससे स्थानीय निवासियों और निर्माण मजदूरों के स्वास्थ्य को खतरा होता है।
एमसीडी ने अपने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्माण स्थलों पर भेजा और वहां की परिस्थितियों का बारीकी से निरीक्षण किया। जलभराव, कचरा, और मच्छर प्रजनन के संभावित स्थलों की पहचान की गई। इसके आधार पर संबंधित निर्माण कंपनियों को नोटिस जारी किया और चालान किया। इसके अलावा उन्हें सुधारात्मक उपाय करने के लिए निर्देशित किया गया। एमसीडी ने 290 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया और उनमें से 148 में मच्छरों का प्रजनन पाया गया। इस संबंध में 83 कानूनी नोटिस और 60 अभियोजन जारी किए गए।
अब तक 709 केस
राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। पिछले सप्ताह 131 नए डेंगू के मामले सामने आए, जिससे राजधानी में डेंगू के मामलों की गति में स्पष्ट वृद्धि हुई है। यह वृद्धि खासतौर पर इस वर्ष के लिए चिंताजनक है, क्योंकि इससे पहले किसी भी सप्ताह में डेंगू के मामलों ने 100 के आंकड़े को पार नहीं किया था। दो सप्ताह पहले डेंगू के 97 मामले प्रकाश में आए थे। इस वर्ष अभी तक डेंगू के 709 मामले आ चुके हैं।