चाइनीज लहसुन के इस्तेमाल को स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताते हुए इसके आयात और बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल की गई। वादी ने दावा किया कि चाइनीज लहसुन के दुष्परिणाम देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे 2012 में प्रतिबंधित किया था। अदालत में सुनवाई के दौरान वादी आधा किलो लहसुन लेकर पहुंचा।
उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रंजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रसाधन विभाग के अधिकारी को शुक्रवार को हाजिर होने का आदेश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तिथि नियत की है।
वादी अधिवक्ता मोती लाल यादव ने बताया कि चाइनीज लहसुन से लोगों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा है। सस्ता होने के कारण यह बाजार में बहुतायत में मिलता है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित होने के बावजूद इसकी बिक्री को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।