प्रदेश के उपभोक्ताओं को अब नया कनेक्शन लेने, कटे कनेक्शन को जोड़वाने, बिजली चोरी की स्थिति में होने वाले आकलन आदि में 18 फीसदी जीएसटी नहीं देना होगा। अब सिर्फ डिपॉजिट वर्क पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। इस संबंध में पावर कार्पोरेशन ने आदेश जारी कर दिया है।
अभी तक सिक्योरिटी जमा राशि के ब्याज, बिजली काटने व जोड़ने के शुल्क, डिस ऑनर्स चेक पर, बिजली चोरी पर लगने वाले चार्ज, ओटीएस में पंजीयन, प्रोसेसिंग फीस, निरीक्षण चार्ज, नये कनेक्शन के लिए मीटर की कीमत, जले हुए मीटर के बदलने, मीटर जांच, मीटर लगाने, सर्विस लाइन चार्ज सहित 17 तरह के चार्ज पर 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ता था। अब वित्त मंत्रालय की ओर से इसे खत्म कर दिया गया है। ऐसे में पावर कार्पोरेशन ने भी इन सभी चार्ज पर लगने वाली जीएसटी को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में जहां नए कनेक्शन लेने वालों को करीब 18 फीसदी कम चार्ज देना होगा वहीं पुराने कनेक्शन में अलग- अलग मद में 18 फीसदी की बचत होगी। इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है
कितना होगा फायदा
उदाहरण के लिए अभी तक कनेक्शन काटने एवं जोड़ने पर उपभोक्ता को 1500 रुपया और 270 रुपया जीएसटी यानी कुल 1770 रुपये देना होता था। अब सिर्फ 1500 रुपया देना होगा। इसी तरह घरेलू नया कनेक्शन लेने पर मीटर चार्ज 872 रुपये सहित कुल 2099 रुपये जमा करने होते हैं। अब मीटर चार्ज पर जीएसटी 18 फीसदी कम देना होगा।
उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि जीएसटी खत्म करने से प्रदेश के उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। इसके लिए उपभोक्ता परिषद की ओर से लंबे समय से मांग की जा रही है। परिषद की मांग पर पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा था। अब नया आदेश जारी होने के बाद नियामक आयोग से मांग की जाएगी कि प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक में भी संशोधन किया जाए।
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