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हर मतदान केंद्र पर वोटरों की संख्या बढ़ाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट, EC से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 से बढ़ाकर 1500 करने के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसमें प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 से बढ़ाकर 1500 करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,200 से बढ़ाकर 1,500 करने के उसके फैसले को चुनौती दी गई है। न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में चिंतित है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को निर्णय के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने को कहा।

तीन सप्ताह में दाखिल हो हलफनामा- SC
पीठ ने कहा, “चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने निर्देश दिया है कि वे एक संक्षिप्त हलफनामे के जरिए स्थिति स्पष्ट करेंगे। हलफनामा तीन सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।

चुनाव आयोग ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में मतदाताओं की कुल संख्या बढ़ाते समय राजनीतिक दलों से परामर्श किया जाता है।

सिंह ने कहा कि मतदाताओं को हमेशा निर्धारित समय के बाद भी वोट डालने की अनुमति होती है।

2025 जनवरी में होगी अगली सुनवाई
पीठ ने अब जनहित याचिका को 27 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया है और चुनाव आयोग से कहा है कि वह अगली सुनवाई की तारीख से पहले याचिकाकर्ता को अपने हलफनामे की एक प्रति उपलब्ध कराए।

इंदु प्रकाश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में अगस्त में चुनाव आयोग द्वारा जारी दो संचारों को चुनौती दी गई है, जिसमें भारत भर में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है।

सिंह ने तर्क दिया है कि प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का निर्णय मनमाना था और किसी भी डेटा पर आधारित नहीं था।