मेलबर्न में हार के बाद रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम मंगलवार को सिडनी पहुंच गई, जहां बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच खेला जाएगा। सीरीज में 1-2 से पिछड़ने के बाद सिडनी में भारत के सामने जीत के साथ ही साख बचाने की चुनौती है।
पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 295 रन की शानदार जीत, एडिलेड में 10 विकेट की हार, ब्रिसबेन में ड्रॉ और फिर मेलबर्न में 184 रन से हार के बाद अब ये तय है कि इस बार सीरीज तो भारत नहीं जीत पाएगा, लेकिन अगर सिडनी में भारत टेस्ट जीत जाता है तो भले ही वह सीरीज न जीत पाए, लेकिन 2-2 से सीरीज ड्रॉ रहने के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी उसी के पास रहेगी।
डब्ल्यूटीसी फाइनल पर नजरें
इतना ही नहीं अगर सिडनी में भारत को जीत मिलती है तो उसके लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में पहुंचने की आशाएं भी जीवित रहेंगी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-2 से बराबर रहने के बाद अगर श्रीलंका घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 या 2-0 से हरा दे तो भारत फाइनल में पहुंच सकता है। अगर श्रीलंका ये दोनों टेस्ट ड्रॉ भी करा लेता है तो भी भारत फाइनल में पहुंचेगा। लेकिन अगर सिडनी टेस्ट ड्रॉ भी होता है तो भारत की फाइनल में जाने की उम्मीदें समाप्त हो जाएंगी और साथ ही उसे 2014-15 के बाद ऑस्ट्रेलिया के हाथों बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवानी पड़ेगी।
कोहली के बगैर पहुंची भारतीय टीम
सिडनी टेस्ट शुक्रवार से शुरू होगा और मंगलवार को पूरी टीम सिडनी पहुंच गई। हालांकि इस बार भी विराट कोहली टीम के साथ नहीं पहुंचे। विराट परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं और वह मेलबर्न भी टीम से अलग पहुंचे थे। कप्तान रोहित के साथ टीम के बाकी सदस्य सिडनी एयरपोर्ट पर साथ दिखे। रोहित और विराट के लिए सिडनी टेस्ट काफी अहम है। अगर सिडनी में ये दोनों रन नहीं बना पाते हैं तो फिर उनके लिए टेस्ट टीम के दरवाजे बंद भी हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो टीम प्रबंधन सिडनी में बड़े बदलाव कर सकता है। मेलबर्न में टीम से बाहर रहने वाले शुभमन गिल की वापसी हो सकती है। इसके साथ ही आकाश दीप और मोहम्मद सिराज को भी विश्राम दिया जा सकता है और उनकी जगह हर्षित राणा और प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया जा सकता है। ऋषभ पंत की जगह भी ध्रुव जुरैल को अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है। जुरैल ने भारत ए की तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया था
46 साल से सिडनी में नहीं जीता है भारत
सिडनी में भारतीय टीम का रिकार्ड ज्यादा अच्छा नहीं है और टीम यहां खेले गए 13 टेस्ट मैचों में से केवल एक ही जीत पाई है। ये टेस्ट मैच भी उसने 1978 में बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में जीता था। तब उसने ऑस्ट्रेलिया को पारी और दो रन से हराया था, लेकिन उसके बाद से भारत यहां जीत नहीं सका है। हालांकि भारतीय टीम 2019 और 2021 में यहां ड्रॉ कराने में सफल रही है।