शिकोहाबाद की जेएस यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होने का नाम ले रहीं हैं। यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और रजिस्ट्रार के जेल जाने के बाद अब पुलिस अब फर्जी डिग्री के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गई है। इसके लिए पुलिस ने जांच तेज कर दी है।
पुलिस के दोनों नोटिसों का आधा-अधूरा जवाब मिलने के बाद शिकोहाबाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस टीम शनिवार को जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची। जहां कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिला। इस कारण पुलिस लौट आई। पुलिस ने केस में वांछित चल रहे आरोपियों एवं यूनिवर्सिटी के दलालों की सघन तलाश भी शुरु कर दी है। पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है।
जेएस यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री प्रकरण में जयपुर ही नहीं, बल्कि शिकोहाबाद में भी सात छात्रों की तहरीर पर दो केस दर्ज हो चुके हैं। जिसके आरोपी डॉ. पीएस यादव, डॉ. गौरव यादव, उमेश मिश्रा समेत अन्य स्टाफ तथा यूनिवर्सिटी के दलाल अभी फरार चल रहे हैं। पुलिस इन सभी आरोपियों पर शिकंजा कसने की तैयारी लगभग पूरी कर चुकी है।
शनिवार को इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पुलिस फोर्स के साथ दोपहर दो बजे करीब जेएस यूनिवर्सिटी पहुंचे। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस टीम आधे-अधूरे नोटिस का पूरा जवाब लेने पहुंची थी, लेकिन वहां कोई भी प्रशासनिक अधिकारी, क्लर्क आदि नहीं मिले। इस प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद वहां शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं भी बहुत कम संख्या में मौजूद थे।
पुलिस टीम किसी प्रशासनिक अधिकारी के न मिलने पर लौट आई है। थाना पुलिस का दावा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरु कर दिए गए हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी के दलालों की भी सूची तैयार की जा रही है। उन पर भी जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। पुलिस फर्जी डिग्री प्रकरण के पूरे नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
सीओ प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि थाना शिकोहाबाद पुलिस शनिवार को यूनिवर्सिटी गई थी। जहां कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिला था। पुलिस अब आरोपियों एवं यूनिवर्सिटी के दलालों की गिरफ्तारी की दिशा में काम कर रही है। जल्द ही वह पुलिस की हिरासत में होंगे। जिनसे पूछताछ की जाएगी।