याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
उमरिया जिले स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगी हुई फॉरेस्ट की करीब दो सौ एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
उमरिया जिले के ग्राम खलौंद निवासी रामलखन सेन की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे हुए बड़ा बीट नामक स्थान स्थित फॉरेस्ट की करीब दो सौ एकड़ जमीन पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। अवैध कब्जाधारियों ने उक्त जमीन पर मकान बना लिये हैं और खेती करते हैं। फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा किये जाने से वन्य प्राणियों की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है। इस संबंध में वन्य विभाग के संबंधित अधिकारियों सहित मंत्री तक से शिकायत की गई थी। द शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण न्यायालय की शरण लेते हुए उक्त याचिका दायर की गई है।
याचिका में वन्य विभाग के प्रमुख सचिव,कलेक्टर,डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर उमरिया, डिप्टी डायरेक्टर उमरिया को अनावेदक बनाया गया था। युगल पीठ ने याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद वन्य भूमि में अतिक्रमण किये जाने को गंभीरता से लेते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता परिमल चतुर्वेदी तथा अनुज पाठक ने पैरवी की।
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