कनाडा के टोरंटो में हिंदू विरोधी परेड निकाली गई। अब भारत ने कनाडा के समक्ष एंटी हिंदू परेड को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। परेड में भारतीय नेतृत्व के खिलाफ आपत्तिजनक, धमकी भरी भाषा और अस्वीकार्य छवि का इस्तेमाल किया गया। साथ ही भारत ने देश विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
भारत ने परेड को लेकर नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग (Canadian High Commission) के समक्ष विरोध दर्ज कराया। एक सूत्र ने इसको लेकर बताया, ‘हमने टोरंटो में आयोजित परेड के बारे में कनाडाई उच्चायोग को कड़े शब्दों में अपनी चिंताएं बताईं, जहां हमारे नेतृत्व और कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों के खिलाफ अस्वीकार्य छवियां और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया गया।’
भारत विरोधी तत्वों’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग
परेड में कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय नेताओं पर हमला करने वाली छवियां दिखाई गईं।
भारतीय पक्ष ने फिर से कनाडाई अधिकारियों से उन ‘भारत विरोधी तत्वों’ के खिलाफ कार्रवाई करने का एलान किया जो नफरत फैला रहे हैं और उग्रवाद तथा अलगाववादी एजेंडे की वकालत कर रहे हैं।
कनाडा में चुनाव के बाद हुआ विरोध
दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का यह ताजा मामला कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की आम चुनाव में जीत के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
8 लाख हिंदुओं को देश से निकालने की मांग
दरअसल टोरंटो के माल्टन गुरुद्वारा में हिंदू विरोधी परेड निकाली गई और हिंदुओं को निर्वासित करने का एलान किया गया है। खालिस्तान समर्थकों ने रैली में न सिर्फ खालिस्तान के झंडे लहराए बल्कि विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के आपत्तिजनक पुतले भी हाथ में लिए हुए थे। इसके अलावा खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में रह रहे करीब 8 लाख हिंदुओं को देश से निकालने की भी मांग की।
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