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बेंजामिन नेतन्याहू बोले- ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जमकर तारीफ की। दरअसल, अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत सफल हमला बोला। ट्रंप ने शनिवार रात अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिकी सेना ने ईरान की परमाणु सुविधाओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को अब शांति की राह पर लौटना चाहिए। इसे लेकर नेतन्याहू ने कहा कि उनका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा। राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं कि शक्ति के माध्यम से शांति आती है। पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है। आज रात, डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है।

फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर बरसा अमेरिका का कहर
नेतन्याहू ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर अमेरिकी विमानों की ओर से हमला किए जाने के बाद एक वीडियो संबोधन में कहा कि बधाई हो, राष्ट्रपति ट्रंप। अमेरिका की जबरदस्त और न्यायपूर्ण शक्ति के साथ ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा। इससे पहले ट्रंप ने बताया था कि फोर्डो पर छह बंकर-बस्टर बम गिराए गए, जबकि अन्य परमाणु ठिकानों पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं।

अमेरिका बेजोड़ रहा’
नेतन्याहू ने कहा, ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन में इस्राइल ने वाकई अद्भुत काम किए हैं, लेकिन आज रात ईरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई में अमेरिका बेजोड़ रहा है। उसने वह किया है जो धरती पर कोई दूसरा देश नहीं कर सकता। इतिहास याद रखेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन, दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों को नकारने के लिए काम किया।

‘ट्रंप के नेतृत्व ने इतिहास की एक धुरी बनाई’
नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व ने इतिहास की एक धुरी बनाई है, जो मध्य पूर्व और उससे आगे समृद्धि और शांति के भविष्य की ओर ले जाने में मदद कर सकती है। भगवान अमेरिका पर कृपा बरसाता रहे। भगवान इस्राइल का भी ख्याल रखे। भगवान हमारे अटूट गठबंधन, हमारे अटूट विश्वास को आशीर्वाद दें।

ईरान में 600 तो इस्राइल में 24 की मौत
वाशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के मुताबिक, हालिया संघर्ष के दौरान ईरान में 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इस्राइल ने कहा है कि ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागे हैं, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए हैं।