भारत ने अमेरिका के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक सहयोगी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया।
TRF ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका सहयोग की मजबूत कड़ी बताया।
TRF को अमेरिका ने बताया आतंकी संगठन
अमेरिकी विदेश विभाग ने TRF को दो महत्वपूर्ण आतंकवादी सूची में शामिल किया है। अमेरिका ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ को FTO (विदेशी आतंकी संगठन) और SDGT (विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी) बताया है।
TRF को लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप माना जाता है, जो पाकिस्तान से संचालित होता है। अमेरिका ने कहा कि TRF ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ल थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
जयशंकर ने जताया आभार
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के इस फैसले की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “TRF को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिका के विदेश विभाग का धन्यवाद।” उन्होंने कहा कि यह कदम भारत और अमेरिका की साझा सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करता है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा कि पहलगाम हमला भारत में 2008 मुंबई हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला था। TRF ने न केवल आम नागरिकों को निशाना बना रहा, बल्कि वो भारतीय सुरक्षाबलों पर भी हमला कर रहा है।
अमेरिका ने किया साफ
अमेरिका ने यह भी कहा कि इस फैसले से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंक के खिलाफ प्रतिबद्धता जाहिर होती है। अमेरिका ने साफ किया कि TRF पर कार्रवई ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें आतंकियों को सजा दिलाने की बात कही गई है।
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