दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को दोपहर 2 बजे से शुरू होगा। पहले ही दिन स्कूल फीस नियंत्रण बिल सहित अन्य मुद्दों पर राजनीतिक घमासान के पूरे आसार हैं। 8वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 4 से 8 अगस्त तक चलेगा लेकिन जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है। सत्र की शुरुआत में ही शिक्षा मंत्री आशीष सूद स्कूल फीस नियंत्रण बिल पेश करेंगे, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इस बिल से दिल्ली के लाखों अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी फीस से राहत मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को साफ किया है कि ये बिल अभिभावकों के हित में है और स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाएगा लेकिन आम आदमी पार्टी ने बिल का कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। आप नेता आतिशी समेत वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि सरकार इस बिल के जरिये निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। आप ने सवाल उठाया कि अगर बिल वाकई जनहित में है तो सरकार ने इसे अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया।
विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि बिल पर सदन में जोरदार टकराव होगा। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि सत्र में सभी मुद्दों पर खुली चर्चा होगी। सत्र में कई अन्य अहम विषय भी उठेंगे। विधायक अशोक गोयल रूरल कमेटी की पहली रिपोर्ट पेश करेंगे। साथ ही, विधानसभा अब पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है। अध्यक्ष ने बताया कि विधायकों की हाजिरी अब रजिस्टर में नहीं बल्कि नेशनल ई-विधान ऐप (नेवा) पर लॉग-इन के जरिए दर्ज होगी।
पहले दिन के माहौल से तय होगी सत्र की दिशा
सत्र में दिल्ली के विकास और जनहित के कई मुद्दों पर चर्चा होगी लेकिन स्कूल फीस बिल पर सरकार और विपक्ष की सहमति, असहमति सत्र की दिशा तय कर सकती है। दिल्ली की जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह बिल वाकई अभिभावकों को राहत देगा या सिर्फ राजनीतिक शोर बनकर रह जाएगा।
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