टाटा मोटर्स अपनी री-स्ट्रक्चरिंग योजना पर काम कर रही है जिसके तहत कमर्शियल व्हीकल बिजनेस 1 अक्टूबर 2025 से अलग हो जाएगा। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने डिमर्जर स्कीम पर आदेश सुरक्षित रखा है। बोर्ड ने कंपनी को दो लिस्टेड कंपनियों में बांटने की मंजूरी दी है। शेयरधारकों को 11 के अनुपात में नई CV कंपनी के शेयर मिलेंगे।
टाटा मोटर्स के बड़े री-स्ट्रक्चरिंग प्लान पर तेजी से काम चल रहा है
टाटा मोटर्स के बड़े री-स्ट्रक्चरिंग प्लान पर तेजी से काम चल रहा है। कंपनी का कॉमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस 1 अक्टूबर 2025 से अलग हो जाएगा। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इस डिमर्जर स्कीम पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है।
साल 2024 में ही बोर्ड ने कंपनी को दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटनेकी मंजूरी दे दी थी। इसके तहत टाटा मोटर्स का CV बिजनेस और उससे जुड़ी सभी इन्वेस्टमेंट्स कॉमर्शियल व्हीकल्स में चली जाएंगी।
मौजूदा पैसेंजर व्हीकल (PV) बिजनेस, जिसमें EV यूनिट, JLR और बाकी इन्वेस्टमेंट्स शामिल हैं, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड के नाम से मर्ज होकर रहेंगे। डिमर्जर के बाद दोनों कंपनियों के नए नाम होंगे और दोनों NSE व BSE पर अलग-अलग लिस्ट होंगी।
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