
टोक्यो/रायपुर 22 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचकर ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में राज्य की भागीदारी की शुरुआत की। इस यात्रा का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना, तकनीकी निवेश के अवसर तलाशना और सांस्कृतिक एवं व्यापारिक साझेदारियों को बढ़ावा देना है।
आध्यात्मिक शुरुआत: असाकुसा मंदिर के दर्शन
टोक्यो आगमन के बाद मुख्यमंत्री श्री साय ने ऐतिहासिक असाकुसा मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर टोक्यो का सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित स्थल है, जो शांति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। श्री साय ने छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की समृद्धि, खुशहाली और सतत विकास के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ को एक शांतिपूर्ण, शक्तिशाली और समृद्ध राज्य के रूप में स्थापित करने की हमारी संकल्पना इस मंदिर की भावना से मेल खाती है।”
तकनीकी नवाचार की ओर कदम: NTT लिमिटेड के साथ उच्च स्तरीय बैठक
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविख्यात आईटी कंपनी NTT लिमिटेड की सीईओ सुश्री कायो इतो से मुलाकात की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और आईटी निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
NTT लिमिटेड एक अग्रणी ग्लोबल कंपनी है, जिसकी वार्षिक आय 90 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है और यह 50+ देशों में कार्यरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने और क्लाउड कम्प्यूटिंग, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
राजनयिक संबंधों को नई दिशा: भारत के राजदूत के साथ रात्रिभोज
शाम को भारत के जापान में राजदूत सिबी जॉर्ज द्वारा आयोजित औपचारिक रात्रिभोज में मुख्यमंत्री साय और उनके प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस अवसर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापार, पर्यावरणीय संतुलन और औद्योगिक समन्वय जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जापान की उन्नत तकनीक और भारत की प्रतिभाशाली जनशक्ति मिलकर एक मजबूत औद्योगिक भविष्य का निर्माण कर सकती है। साथ ही, छत्तीसगढ़ को जापानी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।”
वैश्विक मंच पर छत्तीसगढ़: तकनीक, व्यापार और संस्कृति का संगम
श्री साय की जापान यात्रा के पहले दिन ही छत्तीसगढ़ को वैश्विक निवेश, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक मजबूत केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई। यह यात्रा न केवल छत्तीसगढ़ की आर्थिक संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर रही है, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा भी तय कर रही है।