रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के लिए भारत और ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाए, क्योंकि यूक्रेन शांति वार्ता में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण मानता है। रूस का पुराना सहयोगी होने के चलते भारत यह कार्य कर सकता है। यह बात भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्जेंडर पोलिशचुक ने कही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत तटस्थ नहीं
यूक्रेन के नेशनल फ्लैग डे पर साक्षात्कार में पोलिशचुक ने कहा कि भारत के साथ उनके देश की बातचीत 2023 से बढ़ी है। उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत तटस्थ नहीं है, भारत शांति के पक्ष में है और बातचीत के जरिये समस्याओं को सुलझाने का समर्थन करता है।
भारतीय प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद यूक्रेन ने युद्ध खत्म कराने के लिए भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण माना और अब शांति वार्ता में शामिल होने की उम्मीद कर रहा है।
यूक्रेन ने मॉस्को पर ड्रोन हमले की कोशिश की
इस बीच युद्ध में शनिवार को यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर ड्रोन हमले की कोशिश की। इसके चलते मॉस्को और उसके आसपास के शहरों का हवाई यातायात कई घंटे रुका रहा। रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने मॉस्को पहुंचने से पहले इन ड्रोन को मार गिराया। इस दौरान किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
यूक्रेनी हमले से हंगरी, स्लोवाकिया की तेल आपूर्ति ठप
रूस के तेल आपूर्ति तंत्र पर गुरुवार रात यूक्रेन के हमले से हंगरी और स्लोवाकिया की तेल आपूर्ति कम से कम पांच दिनों के लिए ठप हो गई। यूक्रेनी ड्रोन हमले से रूस में भीषण आग लग गई है जिसे तेल आपूर्ति बंद करके नियंत्रित किया जा रहा है।
यूक्रेन ने रूस की द्रुज्बा तेल पाइपलाइन और कुछ अन्य स्थानों पर हमले किए हैं। जबकि रूस ने भी यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर हमले किए हैं जिससे आने वाले सर्दी के मौसम में यूक्रेनी नागरिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
रूस पर लगाए प्रतिबंधों का भी विरोध किया
यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद 2022 से रूस से तेल और गैस की आपूर्ति काफी कम कर दी है। उनकी योजना 2027 तक इस आपूर्ति को शून्य कर देनी है। लेकिन यूरोपीय संघ के सदस्य हंगरी और स्लोवाकिया ने रूस से अपने रिश्ते बनाए रखे हैं।
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