उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर नियुक्तियों की कमेटी में अब शासन का भी प्रतिनिधि नामित किया जाएगा ताकि नियुक्ति प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इतना ही नहीं विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों, नए पाठ्यक्रमों की मान्यता व नए महाविद्यालयों की स्थापना के लिए एनओसी जारी करने की प्रक्रिया में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बृहस्पतिवार को विधान भवन स्थित कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए जल्द ही एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक कैलेंडर का पालन न करने पर संबंधित कुलपति की जिम्मेदारी शासन स्तर पर तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मंत्री ने अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति विश्वविद्यालय के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान दिए जाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल, सचिव अमृत त्रिपाठी, विशेष सचिव गिरजेश त्यागी व निधि श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
शिक्षक पुरस्कार जल्द शुरू करने की तैयारी
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए जाने वाले शिक्षक पुरस्कार को जल्द शुरू करने पर सहमति बनी। मंत्री ने इसके लिए अधिकारियों को कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत मूल्यांकन समिति का गठन किया जाएगा। बता दें कि अमर उजाला ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने यह तैयारी शुरू की है।
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