जब भी डायबिटीज की बात होती है तो अक्सर लोग इसे मोटापे से जोड़ देते हैं। आम धारणा यही है कि जिनका वजन ज्यादा है, वही इस बीमारी की चपेट में आते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। जी हां, कई बार देखने में दुबले-पतले लोग भी डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है ? आइए डॉक्टर शालिनी सिंह सालुंके से जानते हैं इसके पांच बड़े कारण।
विसरल फैट
दुबले-पतले दिखने वाले शरीर में भी ऐसी चर्बी जमा हो सकती है, जो आंखों से दिखाई नहीं देती। इसे विसरल फैट कहा जाता है। यह चर्बी हमारे लिवर, पैंक्रियाज और आंतों के आसपास छिपी होती है और धीरे-धीरे इंसुलिन की कार्यक्षमता को कम करती है। नतीजा, डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
मसल मास की कमी
अगर आपके शरीर में मसल मास की कमी है, तो ग्लूकोज को स्टोर करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती। ऐसे में, ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है और डायबिटीज होने की संभावना रहती है। यानी दुबले शरीर में भी अगर मसल मास कम है, तो रिस्क बना रहता है।
नींद और तनाव का असर
पर्याप्त नींद न लेना और लगातार तनाव में रहना, शरीर के लिए उतना ही नुकसानदायक है जितना कि गलत खानपान। जब हम तनाव में रहते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा करता है। यही धीरे-धीरे डायबिटीज का कारण बन सकता है।
‘TOFI’ इफेक्ट
वैज्ञानिक भाषा में इसे TOFI कहा जाता है। यानी शरीर बाहर से पतला दिखे, लेकिन अंदर चर्बी की मात्रा ज्यादा हो। MRI स्कैन से यह अक्सर सामने आता है कि कई दुबले-पतले दिखने वाले लोगों के शरीर के अंदर फैट जमा होता है, जो डायबिटीज का कारण बनता है।
आनुवांशिक वजहें
दक्षिण एशियाई और भारतीय मूल के लोगों में स्वाभाविक रूप से बीटा-सेल की क्षमता कम होती है। बीटा-सेल ही इंसुलिन बनाने का काम करते हैं। जब यह क्षमता कमजोर होती है, तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज केवल मोटापे की बीमारी नहीं है। यह एक ऐसी समस्या है, जो दुबले-पतले लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए चाहे आपका वजन कम हो या ज्यादा, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी, यही बचाव के असली उपाय हैं।