छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि पर छत्तीसगढ़ की साहित्यिक, सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदा से साहित्य और संस्कृति की धरा रही है। उन्होंने महाकवि कालिदास, गजानन माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जैसे साहित्यकारों के योगदान का स्मरण किया। इसके साथ ही पूर्व संसदीय क्षेत्र रायगढ़ के संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धापूर्वक याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य युवा आयोग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग का यह अभिनव प्रयास युवा साहित्यकारों, रचनाकारों और कलाकारों को मंच प्रदान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने का उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं से चयनित विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इस मंच के माध्यम से युवा कवियों को देश के ख्यातिलब्ध कवियों से मार्गदर्शन मिलेगा, जो उनके रचनात्मक विकास को नई दिशा देगा।
उपमुख्यमंत्री एवं खेल और युवा कल्याण मंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन केवल प्रतियोगिता नहीं बल्कि युवा कवियों के लिए सीखने और सृजन की प्रेरणा का अवसर है। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध कला, लोकगीत, नृत्य और वाद्य परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रदेश संतों, महात्माओं और कवियों की कर्मभूमि रहा है।
सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी ओजपूर्ण और भावनात्मक कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। राज्य स्तरीय युवा कवि प्रतियोगिता में बिलासपुर की निधि तिवारी ने प्रथम स्थान, मीरा मृदु ने द्वितीय स्थान और कोरिया की अलीशा शेख ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने विजेताओं को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, कौशल विकास मंत्री, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, विधायक, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि, साहित्यकार और कवि मौजूद थे।