इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, राजधानी के सरकारी मेडिकल संस्थानों व अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर्स का ब्यौरा मांगा है। कोर्ट ने कहा कि किस संस्थान या अस्पताल में कितने वेंटिलेटर उपलब्ध हैं? और कितने की आवश्यकता है, इसका पूरा आंकड़ा दिया जाए । जिससे कोर्ट यह सुनिश्चित कर सके कि जो भी वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं, वे पर्याप्त हैं अथवा नहीं। कोर्ट ने इस मामले में ब्यौरे के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए सरकार और के जी एम यू को और समय देकर मामले की अगली सुनवाई 29 अक्तूबर को नियत की है।
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश वी द पीपल नामक संस्था की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में राजधानी के सरकारी संस्थानों समेत अस्पतालों में वेंटिलेटर सुविधा की उपलब्धता का मुद्दा उठाया गया है।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर बीते 13 अगस्त को केजीएमयू के कुलपति समेत एसजीपीजीआई और आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज के निदेशकों को स्वयं अथवा नामित अधिकारी के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवायी के दौरान उपस्थित होने को कहा था, जो, बीते मंगलवार को पेश हुए। कोर्ट ने राजधानी के सभी सरकारी मेडिकल संस्थानों और अस्पतालों में उपलब्ध वेंटीलेटर्स का का विस्तृत ब्योरा, हलफनामे पर पेश करने का निर्देश दिया था। अदालत यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि अस्पतालों में उपलब्ध वेंटीलेटर पर्याप्त हैं या नहीं।
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