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नक्सलियों के समर्पण के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की नीतियां कारगर रही

रायपुर: नक्सलवाद के पीछे हटने और नक्सलियों के समर्पण के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की नीतियां कारगर रही हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो विश्वास, विकास, सुरक्षा का मूलमंत्र लेकर नक्सलवाद पर काम किया था। सुदूर बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में सड़कें बनवाई और सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित किया, बस्तर में शिक्षा और रोजगार के साधन जुटाये। उससे बस्तर की जनता का भरोसा सुरक्षा बलों के प्रति बढ़ा। सुरक्षा बल बस्तर में कांग्रेस सरकार के समय ही नक्सलवाद पर 65 प्रतिशत तक काबू पा चुके थे। यह बात 2021 में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद 65 प्रतिशत तक कम हो गया है। ये बातें प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहीं।

उन्होंने कहा कि नक्सलवाद बस्तर संभाग में केवल 40 किमी तक सिमट गया था। वर्तमान सरकार तो नक्सलवाद नियंत्रण पर केवल बयानबाजी करती है। जगलपुर में नक्सलियों का सेरेंडर केवल सरकार का प्रोपोगंडा इवेंट है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि पिछले कुछ माह से सरकार आंकड़े जारी करके दावा करती है कि इतने संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन सरकार समर्पित नक्सलियों का विस्तृत ब्यौरा नहीं जारी कर पाती। सरकार समर्पित नक्सलियों का ब्यौरा जारी करने में परहेज क्यों करती है? जब उनका फोटो सार्वजनिक किया जा सकता है फिर वे किन वारदातों में शामिल थे? कितने अपराध उनके ऊपर दर्ज है तथा समर्पण के समय उन्होंने कौन-कौन से हथियार पुलिस के पास जमा कराये सरकार यह भी सार्वजनिक करे?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के सामने कल ही 60 नक्सलियों ने सरेंडर किया था, उसके बाद अचानक छत्तीसगढ़ सरकार को भी याद आया कि हमें भी समर्पण का इवेंट महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर करना चाहिये। यह सरकार का प्रचार पाने का तरीका है। सरकार नक्सलियों के समर्पण का इवेंट करती है और नक्सली हर दूसरे दिन कोई न कोई घटना कर देते है। दो दिन पहले ही एक भाजपा नेता की हत्या कर दिया गया। सरकार के हर समर्पण के दावे के बीच बस्तर से शिक्षा दूतो की हत्याओं की खबरे आ जाती है। सुकमा में एक ग्रामीण की नक्सलियों ने मुखबिर बताकर घर में घुस कर हत्या कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि नक्सलवाद जैसे संवेदनशील मामले पर सरकार गंभीरता दिखाये केवल मीडिया इवेंट और कोरी बयानबाजी करने के ठोस और सकारात्मक पहले करे ताकि विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो सार्थक माहौल बस्तर में तैयार किया था वह फलीभूत हो सके और छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त हो सके।