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ब्रह्मकुमारी शांति शिखर में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवा रायपुर के सेक्टर-20 में नवनिर्मित ब्रह्माकुमारी संस्थान का भव्य शांति शिखर रिट्रीट सेंटर ‘एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ का उद्घाटन किया। 1.5 एकड़ में ये शांति शिखर ध्यान केंद्र बना हुआ है। पीएम के साथ राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रह्माकुमारी संस्था के शांति शिखर कार्यक्रम में शामिल होकर छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और उत्तराखंड के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज का दिन विशेष है, क्योंकि तीनों राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “राज्यों के विकास में ही देश का विकास निहित है। इसी मंत्र पर चलते हुए हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान में जुटे हैं।”

ब्रह्मकुमारी के बारे में क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण यात्रा में ब्रह्मकुमारी जैसी संस्थाओं की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने बताया कि उनका इस आध्यात्मिक आंदोलन से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने ब्रह्मकुमारी संस्था को वटवृक्ष की तरह बढ़ते हुए देखा है। 2011 में अहमदाबाद में ‘फ्यूचर ऑफ पावर’ कार्यक्रम हो या 2012 में संस्था के 75 वर्ष का उत्सव, माउंट आबू और गुजरात के कार्यक्रमों में जाना मेरे जीवन का हिस्सा रहा है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली आने के बाद भी उन्हें कई अवसरों पर ब्रह्मकुमारी संस्था से जुड़ने का मौका मिला — चाहे वह आजादी के अमृत महोत्सव का अभियान हो या स्वच्छता अभियान। पीएम मोदी ने कहा, “जब भी मैं आपके बीच आया हूं, मैंने आपके प्रयासों को गहराई से महसूस किया है। यहां शब्द कम, सेवा ज्यादा है। मुझे आपकी शक्ति का अंदाजा है और मैं शक्ति का पुजारी हूं।”

उन्होंने संस्था से अपने व्यक्तिगत लगाव का भी उल्लेख किया और कहा, “इस संस्थान से मेरा अपनापन हमेशा रहा है। जानकी दीदी का स्नेह और राजयोगिनी दादी योगिनी जी का मार्गदर्शन मेरे जीवन की विशेष स्मृतियों में शामिल हैं।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन विशेष है, क्योंकि छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड — तीनों राज्य अपने स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं।

उन्होंने सभी राज्यों के नागरिकों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि राज्य का विकास ही देश के विकास की नींव है।

PM मोदी ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के अभियान में ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने भाव व्यक्त करते हुए कहा, “मैं यहां अतिथि नहीं, आपका ही एक सदस्य हूं।”

उन्होंने बताया कि उनका इस संस्था से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है और उन्होंने इसे वटवृक्ष की तरह बढ़ते हुए देखा है।

पीएम मोदी ने देश-विदेश में जुड़े सभी ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की परंपरा में “आचरण ही सबसे बड़ा धर्म, तप और ज्ञान” माना गया है।

उनके अनुसार, सच्चा परिवर्तन तभी संभव है जब कथन और कर्म में एकता हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कथन को आचरण में उतारा जाए। यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है।

उन्हंने कहा कि यहां हर बहन पहले कठोर तप और साधना में खुद को तपाती है। आपका पहला संबोधन ही ओम शांति है।