छत्तीसगढ़ एटीएस ने देश विरोधी कार्य में लिप्त रायपुर के दो नाबालिग को गिरफ्तार किया है। पाकिस्तानी हैंडलर्स ने इन दोनों किशोर से इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क बनाया था। इस मामले में एटीएस ने अधिनियम 1967 UAPA के तहत पहली एफआईआर दर्ज की है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों किशोर रायपुर के रहने वाले हैं। एटीएस करीब डेढ़ साल से इस मामले की जांच पड़ताल कर रही थी। इसके बाद इन दो नाबालिग को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
इन दोनों किशोर के मोबाइल से कई संदिग्ध सामग्री मिली है, जिसके जरिए आईएसआईएस खुफिया जानकारी जुटा रहा था। फर्जी अकाउंट के जरिए जिहादी विचारधारा और कट्टरपंथी सोच को प्रचार प्रसार कर उकसाया जा रहा था। पाकिस्तानी हैंडलर्स अपने चैट के जरिए किशोर और युवाओं को भड़का रहे थे। आईएसआईएस छत्तीसगढ़ में अपना नेटवर्क स्थापित करने में लगा हुआ था।
एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) भारत में नफरत फैलाने की साजिश रच रहा है । फर्जी अकाउंट के जरिए किशोर और युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि साल 2017 में एटीएस की स्थापना के बाद से यह पहली एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले लोकल थाने में UAPA के तहत कार्रवाई की जाती थी।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा का कहना है कि लंबी जाँच के बाद एटीएस को बड़ी सफलता मिली है।रायपुर के दो युवा आईएसआईएस से जुड़े हुए थे। पाकिस्तानी हैंडलर्स चैट ग्रुप के जरिए सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे थे। दोनों किशोर को UAPA की धाराओं के तहत पकड़ा गया और कोर्ट में पेश किया गया। यह दोनों किशोर पाकिस्तान में स्थित संगठन से प्रेरित थे। उनके मार्गदर्शन में काम कर रहे थे। भारत विरोधी ताक़त से प्रभावित होकर काम कर रहे थे। मामले में सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।
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