मंडलायुक्त ने कहा कि पोर्टल को क्रियान्वित करने के साथ-साथ मुख्य कार्य पोर्टल की समीक्षा करना है एवं शत प्रतिशत सूचना उपलब्ध कराना पोर्टल का लक्ष्य है। मंडलायुक्त ने उपस्थित पंचायत सहायक, आशा, ग्राम पंचायत सचिव, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि इस पोर्टल का उपयोग कर भारत सरकार एवं जन्म मृत्यु पोर्टल अधिनियम के लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित की जाए।
यदि यह पोर्टल जनपद मथुरा द्वारा सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जाता है तो पूरे प्रदेश में इस पोर्टल को लागू कराया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पोर्टल की पूरी जानकारी दी गई। इस मौके पर जिलाधिकारी सीपी सिंह, सीडीओ मनीष मीना आदि मौजूद रहे।
ग्रामीण अंचल में कम हो रहे जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन
1 जनवरी 2025 से 31 अक्तूबर 2025 तक डाटा की समीक्षा में पाया गया की मथुरा में 21 दिनों की समयबद्ध अवधि में जन्म के 29105 पंजीकरण हुए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 4818 पंजीकरण हुए। 1 वर्ष के उपरांत की अवधि में कुल 35678 जन्म के पंजीकरण हुए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 23195 एवं शहरी क्षेत्र में 12483 पंजीकरण हुए हैं। इसी अवधि में कल 7643 मृत्यु पंजीकृत हुए हैं, जिसमें महिला 2644 एवं पुरुष 4999 है। जन्म मृत्यु अधिनियम अंतर्गत क्षेत्र के आंगनबाड़ी, आशा बहू, ग्राम प्रधान, स्थानी पार्षद एवं पंचायत सहायक आदि द्वारा सूचना देने पर जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण 21 दिनों के अंदर से किया जाना चाहिए।
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