अमेरिकी वार्षिक रक्षा नीति विधेयक में भारत के साथ सहयोग को व्यापक बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें क्वाड के जरिये सहयोग बढ़ाने की बात भी कही गई है, ताकि एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखा जा सके और चीन की चुनौती का सामना किया जा सके।
सांसदों ने रविवार को 2026 के वित्तीय वर्ष के लिए ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ विधेयक जारी किया। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों के बारे में कांग्रेस की राय बताई गई है। इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्री को ऐसे प्रयास जारी रखने चाहिए जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों को मजबूत करें, ताकि चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका का ‘तुलनात्मक लाभ’ बढ़ाया जा सके।
इन प्रयासों में भारत के साथ क्वाड के जरिये अमेरिकी सहयोग का विस्तार शामिल है। इसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग, सैन्य अभ्यासों में भागीदारी, रक्षा व्यापार का विस्तार और मानवीय सहायता तथा आपदा प्रतिक्रिया में सहयोग शामिल हैं, ताकि एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखा जा सके।
इसके अलावा, इसमें भारत के साथ समुद्री सुरक्षा पर अधिक सहयोग की संभावना पर जोर दिया गया है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। चीन के आक्रामक व्यवहार का सामना करने के लिए 2017 में यह समूह बनाया गया था।
रक्षा नीति विधेयक में यह भी कहा गया है कि रक्षा मंत्री को विदेश मंत्री के साथ तालमेल बनाकर एक योजना बनानी चाहिए और चलानी चाहिए, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की रक्षा औद्योगिक क्षमताओं के बीच सहयोग मजबूत हो सके। यह पहल सभी देशों के रक्षा उद्योगों को मजबूत करेगी। इसमें उनकी क्षमता बढ़ाना, उत्पादन और कर्मचारियों को बढ़ाना, आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना, विभिन्न देशों की प्रणालियों को एक-दूसरे के साथ काम करने योग्य बनाना और देशों के बीच तालमेल बढ़ाना शामिल है।
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