अमेरिका की राजनीतिक मामलों की विदेश उप मंत्री एलिसन हूकर ने मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की और रक्षा, ऊर्जा, तकनीक, अंतरिक्ष और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को और गहन बनाने पर जोर दिया। हूकर रविवार से भारत के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और उनकी यह यात्रा दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
दोनों देशों के रिश्तों में हाल के महीनों में तनाव आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में भारतीय सामानों पर शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था और भारत की रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त ड्यूटी लगा दी थी। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों की लगातार आलोचनाओं ने भी तनाव बढ़ाया। ऐसे में हूकर की दिल्ली यात्रा को संबंध सुधार का प्रयास माना जा रहा है। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि बैठक का उद्देश्य फरवरी में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी सहमति को ठोस प्रगति में बदलना है।
द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में व्यापार, निवेश, रक्षा, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, महत्वपूर्ण खनिज और सप्लाई चेन के अलावा ‘ट्रस्ट’ पहल पर विस्तृत चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी तय किया है।
यह पूरी बैठक भारत और अमेरिका के बढ़ते रणनीतिक रिश्ते को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी। अमेरिकी दूतावास के अनुसार, वॉशिंगटन की कोशिश है कि रक्षा, ऊर्जा, तकनीक, अंतरिक्ष और भरोसेमंद सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी और मजबूत हो। दोनों देशों ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फरवरी वाली मुलाकात से निकले वादों को ठोस कदमों में बदलने पर जोर दिया।
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