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अमेरिका में एआई नियमों पर राष्ट्रपति ट्रंप सख्त

अमेरिका में एआई नियमों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना सख्त रुख अपनाया है। इसके तहत ट्रंप ने गुरुवार को एक नया कार्यकारी आदेश भी जारी किया। इस आदेश का मकसद है कि अलग-अलग अमेरिकी राज्यों द्वारा अपने-अपने नियम बनाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उद्योग की प्रगति न रोक दी जाए। मामले में ट्रंप का कहना है कि अगर हर राज्य अपने नियम बनाएगा, तो कंपनियों को 50 जगह से मंजूरी लेनी पड़ेगी, जिससे अमेरिका चीन के खिलाफ एआई की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाएगा।

अपने इस आदेश को लेकर ट्रंप ने कहा कि एआई पर दुनिया में दौड़ लगी हुई है। ऐसे में चीन में कंपनियों को सिर्फ एक जगह से मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन अमेरिका में अगर अलग–अलग राज्यों के 50 तरह के नियम हुए, तो उद्योग आगे नहीं बढ़ पाएगा।

अब समझिए क्या है नए आदेश में?
बात अगर ट्रंप के नए आदेश की करें तो ट्रंप के आदेश में कुछ बड़े कदम शामिल हैं। आदेश के तहत अटॉर्नी जनरल को राज्यों के एआई से जुड़े प्रतिबंधात्मक कानूनों को चुनौती देने के लिए एक नई टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया गया है। दूसरी ओर कॉमर्स डिपार्टमेंट को ऐसे नियमों की लिस्ट तैयार करने को कहा गया है जो कंपनियों के लिए बोझ बन रहे हैं।

इसके साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि जिन राज्यों में एआई के बहुत सख्त नियम होंगे, उन्हें ब्रॉडबैंड और अन्य सरकारी ग्रांट कार्यक्रमों की फंडिंग रोकी जा सकती है। मामले में ट्रंप के सलाहकार और एआई निवेशक डेविड सैक्स ने कहा कि सरकार सिर्फ बहुत कठोर और अनावश्यक नियमों का विरोध करेगी, लेकिन बच्चों की सुरक्षा जैसे नियमों को नहीं रोकेगी।

अब समझिए कौन से राज्य एआई नियम बना रहे हैं?
बता दें कि ट्रंप के नए आदेश के तहत अब तक चार राज्य कोलोराडो, कैलिफोर्निया, यूटा और टेक्सास ने निजी कंपनियों के लिए कुछ एआई नियम बनाए हैं। इन नियमों में व्यक्तिगत जानकारी की कम से कम संग्रह करना, कंपनियों द्वारा एआई के उपयोग में ज्यादा पारदर्शिता रखना, भेदभाव (जेंडर, नस्ल) के जोखिम का आकलन करना शामिल है।

इन कानूनों की वजह यह है कि एआई पहले से ही रोजमर्रा के फैसले लेने में इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि नौकरी के लिए इंटरव्यू, किराए पर घर, बैंक से लोन और कुछ मेडिकल फैसलेरिसर्च में। ऐसे में सामने आया है कि एआई कभी-कभी गलत और पक्षपातपूर्ण निर्णय भी लेता है।