डॉलर के मुकाबले रुपये के लिए साल 2025 (Year Ender 2025) अच्छा नहीं रहा। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट आई और ये अपने नए रिकॉर्ड-लो लेवल तक फिसल गया। मंगलवार को रुपया पहली बार 91 के भी पार चला गया और इसने डॉलर की तुलना में आज तक का सबसे निचला स्तर छू लिया। बीते 25 सालों में देखें तो भी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता गया।
रुपये का रिकॉर्ड लो लेवल कितना?
मंगलवार 16 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले रुपया 91.14 तक फिसला। 91.14 डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है।
2025 में कितना कमजोर हुआ रुपया?
डॉलर के मुकाबले रुपये ने साल 2024 का अंत 85.57 के भाव पर किया था। जबकि आज बुधवार 17 दिसंबर को दोपहर में ये 90.56 पर चल रहा है। यानी डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल में अब तक करीब 5.83 फीसदी कमजोर हुआ है।
21वीं सदी में कितना कमजोर हुआ रुपया?
25 साल पहले 31 दिसंबर 2000 को डॉलर के मुकाबले रुपया 46.62 पर था। जबकि आज ये 90.56 पर है। यानी इन 25 सालों में डॉलर के मुकाबले 94.25 फीसदी कमजोर हुआ है।
मोदी राज में रुपया कितना फिसला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार पीएम पद संभाला था। उस दिन रुपया 58.66 पर था। मोदी राज में रुपया डॉलर के मुकाबले 31.9 या 54.38 फीसदी कमजोर हुआ है।
क्यों गिर रहा रुपया?
ट्रेड डील की अनिश्चितता – भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीदें बार-बार नाकाम हुई हैं, जिससे ट्रेडर शॉर्ट-टर्म इनफ्लो को लेकर सावधान हो गए हैं।
विदेशी पूंजी – ग्लोबल फंड्स ने दिसंबर में अब तक भारतीय इक्विटी से लगभग $1.6 बिलियन निकाले हैं। यह कदम रुपये में डिनॉमिनेटेड एसेट्स के लिए विदेशी निवेशकों की सीमित दिलचस्पी को दिखाती है।
RBI की सीमित दखलअंदाजी – रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आक्रामक तरीके से दखल देने में हिचकिचा रहा है, और रुपये को बचाने के बजाय आर्थिक विकास को प्राथमिकता दे रहा है।
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