नई दिल्ली 10 सितम्बर।भारत ने म्यांमा से राखिन प्रांत की स्थिति से संयम और परिपक्वता से निपटने का आग्रह किया है जिससे सुरक्षा बलों के साथ-साथ नागरिकों के हितों का भी ध्यान रखा जा सके।
विदेश मंत्रालय ने यहां कहा कि यह आवश्यक है कि हिंसा समाप्त कर क्षेत्र में सामान्य स्थिति जल्द बहाल की जाए।यह भी कहा गया है कि भारत, राखिन प्रांत की स्थिति और उस क्षेत्र से शरणार्थियों के पलायन को लेकर काफी चिंतित है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी म्यांमा यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों और अन्य निर्दोष लोगों की मौत पर चिंता व्यक्त की थी।प्रधानमंत्री ने वहां शांति, साम्प्रदायिक सौहार्द, न्याय, गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर इसका समाधान निकालने का भी आग्रह किया था।
इस बीच, म्यामां के उत्तरी प्रांत राखिन में मानवीय संकट को कम करने के लिए रोहिंग्या मुसलमानों ने एक महीने के एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की है।अराकान रोहिंग्या मुक्ति सेना(अरसा) ने कहा कि यह संघर्ष विराम आज से ही लागू हो रहा है। अरसा ने म्यामां की सेना से भी अपने हथियार त्याग देने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि कॉक्स बाजार में आ रहे रोहिंग्या मुसलमानों के लिए खाने-पीने की चीजों और स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता है।संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, म्यामां छोड़ चुके रोहिंग्याओं की मदद के लिए सात करोड़ 70 लाख डॉलर की तुरन्त आवश्यकता है।
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