रायपुर 27 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर पालिका एवं पंचायतों के अध्यक्षों को फिर से वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने तथा स्वच्छता दीदियों के मानदेय में एक हजार रूपए प्रति माह का इजाफा करने की घोषणा की है।
श्री बघेल ने आज यहां नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के विषय पर आयोजित कार्यशाला में इसके साथ ही प्रत्येक नगर निगम को आबादी एवं आवश्यकता के अनुसार पांच से दस करोड़ रुपए, 44 नगर पालिकाओं हेतु एक-एक करोड़ एवं 111 नगर पंचायतों हेतु 50-50 लाख रुपए प्रदान किए जाने की घोषणा की।
उन्होने जल संरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हमारे लिए नई चीज नहीं है, हमारे पुरखे भी गुजरात और राजस्थान में पानी का संरक्षण करते थे। सबसे अच्छा जल संरक्षण का उदाहरण पोरबंदर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के घर में है।उनके घर में छत का पानी घर के आंगन में बने कुंए में एकत्र किया जाता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के साथ-साथ गांवों की गलियों, सड़कॉ और आंगन में कांक्रीटीकरण कर दिया गया है। जिसके कारण पानी जमीन के अंदर नहीं जा पाता। उन्होंने कहा कि लोग अपने आंगन में कुंए में छत का पानी एकत्र कर सकते हैं, असफल बोर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ सकते है या छत का पानी जमीन के अंदर डाल सकते है।मुख्यमंत्री ने अपने घर का उदारहण देते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 2001 में ही अपने घर में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग करवाई थी। इस गर्मियों में मोहल्ले के बोर में पानी सूख गया लेकिन मेरे घर में पानी था।