नई दिल्ली 31 जुलाई।उच्चतम न्यायालय ने अपने महासचिव से रिपोर्ट मांगी है कि उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा गया पत्र उनके सामने क्यों नहीं पेश किया गया।
इस पत्र में महिला ने कहा कि उनकी जान को खतरा है और उन लोगों के नाम प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की जिन्होंने उसके परिवार को कथित रूप से धमकी दी है।
श्री रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और अनिरूद्ध बोस भी हैं।पीठ ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि अखबारों ने ऐसी तस्वीर पेश की कि प्रधान न्यायाधीश ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
यह टिप्पणी उस समय की गई जब बाल दुष्कर्म मामलों में न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता वी0 गिरि ने उन्नाव दुष्कर्म मामले की तत्काल सुनवाई किये जाने की मांग की। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से भी उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता की दुर्घटना के बारे में स्थिति रिपोर्ट कल तक देने को कहा है।
दुष्कर्म पीडि़ता और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्र की प्रति इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को भी भेजी गई थी।
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