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धान खरीद 15 दिन देरी से करने के निर्णय का विपक्षी दलों ने किया विरोध

रायपुर 01 नवम्बर।छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीद 15 दिन देरी से करने के निर्णय की विपक्षी दलों ने कड़ी निन्दा की है और सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पूनम चन्द्राकर ने आज यहां जारी बयान में कहा कि 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान हर वर्ष खरीदने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस अब अपने वादे से मुंह चुराने का काम कर रही है। किसानों का हर तरह का हर कर्ज माफ करने की गंगाजल हाथ में लेकर कसमें खाने वाले कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के कर्ज माफ करने में छलावा किया और अब बकाया बोनस भुगतान की बात भी नहीं कर रहे हैं।

श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों का धान हर साल एक नवंबर से खरीदा जाता था लेकिन प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पहले 15 नवंबर और अब एक दिसंबर से धान खरीदने की घोषणा की है।उन्होने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार के फैसले गंभीर कम और सनकमिजाजी के प्रतीक ज्यादा नजर आ रहे हैं।श्री चंद्राकर ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए दीवाली से पहले धान खरीदी का दबाव बनाने वाले कांग्रेस नेता आज अपनी सरकार के फैसले पर मौन साधे क्यों बैठे हैं? धान खरीदी में प्रदेश सरकार जिस तरह हीलाहवाला और बहानेबाजी कर रही है, उससे कांग्रेस और उसके सत्ताधीशों की नीयत पर शक गहराता जा रहा है।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि राज्योत्सव के पावन दिन सरकार ने छत्तीसगढ़ के 70 लाख अन्नदाताओं के साथ एक बार फिर विश्वासघात किया है।अपूर्ण क़र्ज़ा माफ़ी की घोषणा और बेमौसम बरसात से फसलों की बर्बादी के बाद धान खरीदी को एक महीने टालने का निर्णय किसानों को तबाह कर देगी।

उन्होने कहा कि 30 दिन वो अपने खून-पसीने से उगाई 80 लाख मेट्रिक टन धान कहाँ रखेंगे,इसका आभास खुमरि और पनई में सेल्फ़ी खींचने वाले हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री जी को क्या नहीं है? या फिर उन्होंने जान बूझकर कम धान खरीदने और कोचियों को फायदा पहुँचाने की बदनियत से ये निर्णय लिया गया है?