बिलासपुर 11 फरवरी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर के मरवाही सदन में कर्मचारी द्वारा खुदकुशी करने के मामले में अजीत जोगी एवं अमित जोगी को आरोपी बनाए जाने के खिलाफ पेश याचिका को सुनवाई पूरी कर निर्णय के लिए सुरक्षित रखा है।
गत 14 जनवरी को मरवाही सदन के कर्मचारी सन्तोष उर्फ मनवा ने बगले में ही फाँसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इस मामले में मृतक के परिजनों ने मृतक को चोरी का आरोप लगा कर प्रताड़ित किये जाने से उसके ख़ुदकुशी करने का आरोप लगाया। दूसरे दिन परिजनों व कुछ अन्य लोगों ने शव को सड़क पर रख कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर बिलासपुर रतनपुर मार्ग पर स्थित सेंदरी में चक्का जाम किया था। उसी रात सिविल लाइन पुलिस ने अमित जोगी एलं अजीत जोगी के खिलाफ धारा 306 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था।
पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ पिता पुत्र ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केस डायरी तलब की थी। मंगलवार को मामले में अंतिम बहस हुई। शासन एवं याचिकाकर्ता की ओर से तर्क पूरा किये जाने पर कोर्ट ने मामले को निर्णय के लिए सुरक्षित किया है।