रायपुर, 27 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में आज छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस संशोधन विधेयक का कोई भी प्रावधान केन्द्र के कानून का उल्लंघन नहीं करता है। हम केन्द्रीय कानूनों का अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं।इस संशोधन विधेयक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था कृषि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से कृषि व्यवस्था में पूंजीपतियों का नियंत्रण बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ़ने, समर्थन मूल्य में धान खरीदी और सार्वभौम पीडीएस प्रणाली के प्रभावित होने की आशंका है। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक से किसानों गरीबों, मजदूरों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
श्री चौबे ने चर्चा के दौरान इस संशोधन विधेयक के उद्देश्य और कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषक हैं। लघु एवं सीमांत कृषकों की कृषि उपज भण्डारण तथा मोल-भाव की क्षमता नहीं होने से, बाजार मूल्य के उतार-चढ़ाव तथा भुगतान की जोखिम को दृष्टिगत रखते हुए, उनकी उपज की गुणवत्ता के आधार पर सही कीमत, सही तौल तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु डीम्ड मंडी तथा इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म की स्थापना किया जाना कृषक हित में आवश्यक हो गया है।