रायपुर 06मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर, उन्हें निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराने के सार्थक परिणाम मिल रहे है। इसके चलते राज्य में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या में कमी आई है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है।
श्री बघेल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर और सरगुजा संभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं पुलिस सहित खंड चिकित्सा अधिकारियों तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि आप सब जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन के दिशा- निर्देशों और अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन कर रहे हैं।इसके चलते कोरोना के गंभीर संक्रमण की स्थिति से छत्तीसगढ़ राज्य धीरे-धीरे उभरने लगा है।
उन्होने कहा कि ग्रामीण अंचल में शादी-ब्याह की वजह से संक्रमण बढ़ा है। इसकी रोकथाम के लिए गांव, घर से लेकर सीमावर्ती इलाकों में बाहर से आने वाले लोगों पर सतत निगरानी की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए मितानिन ,कोटवार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक ,पटवारी आदि की मदद लेने को कहा।उन्होने कहा कि बाहर से आने वालों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहराने और उनका टेस्ट किए जाने की जरूरत है।
श्री बघेल ने कोरबा और रायगढ़ जिले के खदान एरिया वाले क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से निगरानी रखने की हिदायत अधिकारियों को दी। ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से संपर्क कर ,उन्हें इस बात का सुझाव देने को कहा गया कि वह सर्दी-खांसी-बुखार के ऐसे मरीजों को जिनमें कोरोना के प्रारंभिक लक्षण दिखाई दें, उन्हें कोरोना प्रोटोकाल के आधार पर दवाएं दें और टेस्ट कराने के लिए भी कहें।उऩ्होने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के उपचार में विलंब से स्थिति के गंभीर होने का अंदेशा रहता है।
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