
रायपुर 09 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्य अमले ने अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों का जीवन बचाया। इनके सेवाभाव से कोरोना की लड़ाई में सफलता मिली।
श्री बघेल ने आज यहां कोविड-19 संकट के दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए डॉक्टर्स व निजी चिकित्सा संस्थानों को सम्मानित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के समय युद्ध से भी अधिक भयानक स्थिति थी। युद्ध में तो हम दुश्मन को पहचानते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए एक अज्ञात दुश्मन से लड़ाई लड़नी थी। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को स्वीकार कर स्वयं की जान को जोखिम में डालकर कोरोना के नियंत्रण में सफलता पाई है। आज हम चिकित्सकों और संस्थानों को सम्मानित कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों के उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑक्सीजन, दवाई, बेड सहित उपचार के लिए जरूरी अन्य सभी चीजें तत्काल उपलब्ध कराई। इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाला उद्योगों को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन का लाइसेंस दिया, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई और छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। देश में सबसे पहले कोरोना नियंत्रण के लिए प्रोटोकॉल और लॉकडाउन से संबंधित दिशा निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने इसका अनुसरण कर पूरे देश में लागू किया है।
उन्होने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराकर समुचित इलाज के लिए प्रबंध किया जा रहा है। शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना से लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं। काफी कम समय में हमें चार मेडिकल कॉलेज मिले हैं। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को अच्छी सफलता मिली है।
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