जानिए मानसिक और शारीरिक तनाव से मुक्ति पाने के ये सरल उपाय…
Astrological Remedies For Depression: आजकल के समय में और जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ हार्मोन असंतुलन एक आम बीमारी है जिसका शिकार पुरुष महिलाएं दोनों हो चुके हैं। भागती हुई जिंदगी के कारण लोगों की दिनचर्या बदल चुकी है उठने सोने का तरीका, रहन सहन ,खाना- पीना सब बदल चुका है जिसका परिणाम हार्मोन असंतुलन तनाव और गंभीर मानसिक और शारीरिक बीमारियां हैं। वैदिक जीवन शैली से हार्मोन तनाव को संतुलित किया जा सकता है। यह हमें जीने की कला सिखाता है हम कैसे जीवन को प्राकृतिक ढंग से संतुलित करें यही वैदिक जीवन शैली का सार है रोजमर्रा में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हमें कैसे जीवन व्यतीत करना चाहिए यह वैदिक जीवन शैली हमें बताती है। जानिए ज्योतिष और वास्तु के एक्सपर्ट प्रद्युम्न सूरी से।
सुबह जल्दी उठना
शास्त्रों में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने के ढेरों फायदे बताए गए हैं। सुबह उठने से व्यक्ति का दिमाग ठीक ढंग से काम करने के साथ तेज होता है, जिससे वह सफलता हासिल करने के साथ आर्थिक स्थिति तक सही कर सकता है। इसलिए व्यक्ति को सुबह उठकर सबसे पहले धरती के पैर छूकर अपने हाथों को देखते हुए गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद हाथों को चेहरे पर फेरा लें।
जलपान
ज्योतिष और वास्तु के एक्सपर्ट प्रद्युम्न सूरी के अनुसार, भगवान का मनन करने के बाद व्यक्ति को जल जरूर पीना चाहिए। इसके बाद ही अन्य कार्य करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति रोग मुक्त रहने के साथ तनाव मुक्त रहेगा।
दैनिक स्नान
प्राचीन धर्म शास्त्रों में स्नान से जुड़ी कई मान्यताएं है। इतना ही नहीं शास्त्रों में समय के अनुसार स्नान के भी कई भाग किए गए है। माना जाता है कि सूर्योदय होने से पहले स्नान करना सबसे शुभ होता है। लेकिन 8 बजे के बाद स्नान करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलने के साथ सुख-समृद्धि, परिवार में एकता होने के साथ तनाव से मुक्ति मिलती है।
ईश्वर ध्यान
सुबह ईश्वर ध्यान से मन एकाग्र होता है तनाव से होने वाली मानसिक बीमारियां नहीं होती। इसलिए स्नान आदि करने के बाद अपने आराध्य की उपासना करने के साथ गायत्री मंत्र और ऊँ का उच्चारण करना चाहिए। इससे दिमाग शांत रहता है।
मूंगा रत्न भी है लाभकारी
मूंगा पहनने से साहस व आत्मविश्वास बढ़ता है और सफेद मोती धारण करने से उदासी में मानसिक
अवसाद पर काबू पाने में सहायता मिलती है इसी तरह विभिन्न रत्नों को पहनने से हम मानसिक तनाव को दूर कर
सकते हैं और जीवन में सफल हो सकते हैं जब पहने हुए रत्न का रंग बदल जाए या पहने हुए 7-8 साल हो जाए इसे बदल लेना चाहिए तो इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं
समय पर सोएं
रात को जागने से चंद्र खराब होता है क्योंकि मानसिक अवसाद का कारण है नींद ना आने से भी व्यक्ति को तनाव हो जाता है और वो परेशान रहता है।
खुद पर आत्मविश्वास और दूसरों पर उम्मीद ना रखें
वैदिक जीवन शैली हमें बताती है कि हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और दूसरों से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए वैदिक जीवन शैली में निष्काम आपको बहुत महत्व दिया गया है जब हम दूसरों से उम्मीद नहीं रखते और दूसरों की मदद करते हैं तो हम अधिक खुश और आत्मविश्वास महसूस करते हैं।